रोजगार आवेदन
निगम द्वारा ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों जैसे विपणन, लघु पशुचिकित्सा, कौशल विकास प्रशिक्षण,पोल्ट्री फार्मिंग, बकरी फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग आदि क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किया जाता है |
निगम द्वारा रोजगारोन्मुखी व रोजगार परक योजनाओं जैसे :- "एक ग्राम एक प्रशिक्षण एक रोजगार", "स्वस्थ पशु सुरक्षित पशुपालक" एकीकृत कृषि, डेयरी, ऊर्जा व भूमि विकास कार्यक्रम आदि योजनाओं का संचालन किया जाता है |
निगम में रोजगार के लिए चयन का आधार :- निगम की रोजगारोन्मुखी योजनाओं के संचालन क्रियान्वन व प्रशासनिक कार्यो हेतु सक्षम आवेदकों/ उम्मीदवारो (शैक्षणिक, मानसिक, अनुशासित, अच्छा परिणाम देने वाले व प्रभावी व्यक्तित्व वाले कर्म व मेहनती) की आवश्यकता होती है |
निगम में चयन प्रक्रिया निम्न प्रकार से पूर्ण पारदर्शिता के साथ पूरी की जाती है:-
1. प्रिंट मीडिया निगम की आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से विज्ञापन प्रकाशित कर सक्षम उम्मीदवारो से ऑनलाइन/ ऑफलाइन आवेदन आमंत्रित करना |
2. आवेदन पत्र की प्राप्ति के पश्चात् आवेदन पत्र की जाँच/ छँटनी करना व जिला/राज्य कर सूची तैयार करना |
3. पद के समक्ष योग्य आवेदको को लिखित परीक्षा (Apptitude Test) / साक्षात्कार की सूचना रजिस्टर्ड ईमेल पर/ डाक के माध्यम से भेजना व निर्धारित समय पर लिखित परीक्षा / साक्षात्कार का आयोजन ऑनलाइन / ऑफलाइन माध्यम से करना |
4. परीक्षा / साक्षात्कार में सफल रहे आवेदकों को पदानुसार कार्यशैली, रिपोर्टिंग में व अन्य आवश्यक जानकारी के लिए एक विकसित प्रशिक्षण प्रदान करना व नियुक्ति प्रदान करना |
विशेष :-
निगम द्वारा सभी चयनित कर्मचारियो का निःशुल्क 2.5 लाख रूपये का दुर्घटना बीमा जारी किया जाता है |
नियुक्ति से पूर्व कर्मचारी व निगम के मध्य कार्य के संबंध में घोषणा पत्र निर्धारित मूल्य के स्टाम्प पेपर पर निष्पादित कर नोटेरी किया जाता है |
नियुक्ति से पूर्व एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन जयपुर / लखनऊ में आयोजित किया जाता है |
प्रशिक्षण में होने वाला व्यय (यात्रा भत्ता के अलावा) निगम द्वारा वहन किया जाता है |
विभाग के अनुसार रोजगार के अवसर :-
1. प्रशिक्षण :- निगम द्वारा पंचायत स्तर पर पशु सेवा केंद्र / पशुपालक केन्द्रों के संचालन हेतु रोजगार पूर्ण प्रशिक्षण हेतु आवेदन आमंत्रित किये जाते है |
प्रशिक्षण का नाम व अवधि
क्र.स. | प्रशिक्षण / पद का नाम | अवधि |
1 | पशु स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता | 6 माह |
2 | एनिमल साइंस एंड टेक्नॉलजी | 6 माह |
3 | वेटरनरी फील्ड असिस्टेंट | 1 वर्षीय |
4 | पैरावेट सह कृत्रिम गर्भाधान | 69 दिन |
5 | पोल्ट्री फार्मिंग (कुक्कुट पालन) | 10 दिन |
6 | बकरी फार्मिंग (बकरी पालन) | 10 दिन |
7 | डेयरी फार्मिंग व चारा प्रबंधक | 12 दिन |
8 | डिप्लोमा इन डेयरी मैनेजमेंट (डेयरी फील्ड असिस्टेंट) | 12 माह |
प्रशिक्षण में सफल रहे आवेदकों को निगम द्वारा रोजगार प्रदान किया जाता है पद के लक्ष्यानुसार कार्य करने पर निगम द्वारा वेतन व अन्य लाभ दिए जाते है | प्रशिक्षण पश्चात् सफल आवेदक स्वरोजगार का पात्र भी होता है|
2. विपणन :- निगम के उत्पाद व उनसे जुडी योजनाओं का लाभ सीधे पशुपालकों व किसानों तक पहुंचाने के लिये निगम द्वारा निम्न पदों पर रोजगार दिया जाता है व लक्ष्यानुसार कार्य करने पर वेतन व अन्य लाभ दिए जाते है | विपणन विभाग के पदानुसार कार्यो एवं लक्ष्यों का विवरण निम्नलिखित है |
विक्रय प्रबंधक :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में जिला स्तर पर विक्रय प्रबंधक नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | विक्रय प्रबंधक राज्य स्तर के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
विक्रय विकास अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में तहसील स्तर पर विक्रय विकास अधिकारी नियुक्त किये जाते है | जिनके समक्ष सभी पंचायतों के कर्मचारीयों के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | विक्रय विकास अधिकारी जिले स्तर के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है जहाँ तहसील एवं पंचायत स्तर पर निगम की योजनाओं व विपणन क्षेत्र का कार्य करता है
विक्रय सहायक :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में पंचायत स्तर पर विक्रय सहायक नियुक्त किये जाते है वह अपनी ग्राम पंचायत पर निगम की योजनाओं को प्रसारित करता है एवं विपणन क्षेत्र में कार्य करता है तथा अपनी मासिक रिपोर्ट विक्रय विकास अधिकारी को भेजता है |
विपणन प्रबंधक :- विपणन क्षेत्र की " स्वस्थ पशु सुरक्षित पशुपालक योजना" का प्रचार-प्रसार कर निगम के कार्य दायित्व जिला स्तर पर पूरे करना है साथ ही पशुपालकों को निःशुल्क दुर्घटना बीमा का लाभ दिलाना है |
विपणन सहायक :- विपणन क्षेत्र में निगम की योजना को प्रचार-प्रसार पंचायत स्तर पर करना निम्न दायित्व है और पशुपालकों को निःशुल्क दुर्घटना बीमा का लाभ दिलाना है |
पशुसेवक :- निगम द्वारा पंचायत स्तर पर पशुसेवक नियुक्त किये जाते है | पशुपालकों को पंचायत स्तर पर चौपालों, पंचायतों आदि पर "पशु सेवा केंद्र" के माध्यम से निगम की जानकारी उपलब्ध कराना |
मार्केटिंग एजेंट :- निगम द्वारा ब्लॉक लेवल पर मार्केटिंग एजेंट नियुक्त किये जाते है जो की निगम के उत्पादों का प्रचार-प्रसार "मेडिकल सेंटर" पर करता है साथ ही मेडिकल सेंटर से ऑर्डर लेने की जिम्मेदारी रहती है |
योजना संचार अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में जिला स्तर पर योजना संचार अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | योजना संचार अधिकारी निगम के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
योजना प्रसार अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में तहसील स्तर पर योजना प्रसार अधिकारी नियुक्त किये जाते है | जिनके समक्ष सभी पंचायतों के कर्मचारीयों के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | योजना प्रसार अधिकारी योजना संचार अधिकारी के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है जहाँ तहसील एवं पंचायत स्तर पर निगम की योजनाओं व विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
योजना सहायक :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में पंचायत स्तर पर योजना सहायक नियुक्त किये जाते है वह अपनी ग्राम पंचायत पर निगम की योजनाओं को प्रसारित करता है एवं विपणन क्षेत्र में कार्य करता है तथा अपनी मासिक रिपोर्ट विक्रय योजना प्रसार अधिकारी को भेजता है |
विकास अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में जिला स्तर पर विकास अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | विकास अधिकारी निगम के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
सहायक विकास अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में तहसील स्तर पर सहायक विकास अधिकारी नियुक्त किये जाते है | जिनके समक्ष सभी पंचायतों के कर्मचारीयों के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | सहायक विकास अधिकारी जिले स्तर के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है जहाँ तहसील एवं पंचायत स्तर पर निगम की योजनाओं व विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
मुख्य आंवटन अधिकारी ::- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में जिला स्तर पर मुख्य आंवटन अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | मुख्य आंवटन अधिकारी निगम के अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
अतिरिक्त आंवटन अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में तहसील स्तर पर अतिरिक्त आंवटन अधिकारी नियुक्त किये जाते है | जिनके समक्ष सभी पंचायतों के कर्मचारीयों के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | अतिरिक्त आंवटन अधिकारी जिले स्तर के अधिकारी/निगम द्वारा नियुक्त किये गए अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है जहाँ तहसील एवं पंचायत स्तर पर निगम की योजनाओं व विपणन क्षेत्र का कार्य करता है।
सहायक आंवटन अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में पंचायत स्तर पर सहायक आंवटन अधिकारी नियुक्त किये जाते है वह अपनी ग्राम पंचायत पर निगम की योजनाओं को प्रसारित करता है एवं विपणन क्षेत्र में कार्य करता है तथा अपनी मासिक रिपोर्ट अतिरिक्त आंवटन अधिकारी को भेजता है |
पशुपालन क्षेत्र में डेयरी विकास को बढ़ावा देने के लिए निगम द्वारा डेयरी विकास कार्यक्रम चलाये जाते है जिनके पदानुसार कार्यो एवं लक्ष्यों का विवरण निम्नलिखित है |
डेयरी विस्तार अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में जिला स्तर पर डेयरी विस्तार अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | डेयरी विस्तार अधिकारी का कार्य प्रत्येक जिला स्तर पर निजी क्षेत्र की डेयरी स्थापना कर निगम के उत्पाद की लक्ष्यानुसार बिक्री करना | डेयरी विस्तार अधिकारी राज्य स्तर के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
डेयरी विकास अधिकारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में तहसील स्तर पर डेयरी विकास अधिकारी नियुक्त किये जाते है | जिनके समक्ष सभी पंचायतों के कर्मचारीयों के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है| डेयरी विकास अधिकारी का कार्य प्रत्येक तहसील स्तर पर निजी क्षेत्र की डेयरी स्थापना कर निगम के उत्पाद की लक्ष्यानुसार बिक्री करना | डेयरी विकास अधिकारी जिले स्तर के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजता है जहाँ तहसील एवं पंचायत स्तर पर निगम की योजनाओं पर कार्य करता है |
डेयरी समन्वयक :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में पंचायत स्तर पर डेयरी समन्वयक नियुक्त किये जाते है| वह अपनी ग्राम पंचायत पर निगम की योजनाओं को प्रसारित करता है एवं विपणन क्षेत्र में कार्य करता है| डेयरी समन्वयक का कार्य प्रत्येक तहसील स्तर पर निजी क्षेत्र की डेयरी स्थापना कर निगम के उत्पाद की लक्ष्यानुसार बिक्री करना | तथा अपनी मासिक रिपोर्ट डेयरी विकास अधिकारी को भेजता है और निगम की "स्वस्थ पशु सुरक्षित पशुपालक योजना" का प्रचार-प्रसार करता है |
सर्वे प्रभारी :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में जिला स्तर पर सर्वे प्रभारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | सर्वे प्रभारी का कार्य तहसील एवं पंचायत स्तर पर निगम की योजनाओं के आधार पर पशुपालक की सर्वे रिपोर्ट तैयार कर राज्य स्तर के अधिकारी को अपनी मासिक रिपोर्ट भेजना होता है |
सर्वेयर :- निगम द्वारा विपणन क्षेत्र में पंचायत स्तर पर सर्वेयर नियुक्त किये जाते है जो की पशुपालक के घर- घर जा कर सर्वे करता है जिसमे वह पशुपालकों को पशुओं में होने वाली मौसमी बीमारियों से बचने के लिये जागरूक करता है एवं निगम की योजनाओं के बारे में समझाता है एवं निगम के उत्पाद की लक्ष्यानुसार बिक्री करता है |
केन्द्र प्रभारी :- निगम द्वारा संचालित पशुपालक ज्ञान केंद्र पर जिला स्तर पर केन्द्र प्रभारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | केन्द्र प्रभारी केंद्र पर निगम के उत्पादों के विक्रय कार्य के लिये जिला स्तर पर डीलर नियुक्त कर केंद्र की स्थापना करता है। केन्द्र प्रभारी निगम के अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
केन्द्र विस्तार अधिकारी :- निगम द्वारा संचालित पशुपालक ज्ञान केंद्र पर तहसील स्तर पर केन्द्र विस्तार अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके समक्ष सभी पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | केन्द्र विस्तार अधिकारी केंद्र पर निगम के उत्पादों के विक्रय कार्य के लिये तहसील स्तर पर डीलर नियुक्त कर केंद्र की स्थापना करता है। केन्द्र विस्तार अधिकारी निगम के अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
केन्द्र सहायक :- निगम द्वारा संचालित पशुपालक ज्ञान केंद्र पर पंचायत स्तर पर केन्द्र सहायक नियुक्त किये जाते है, जो की निगम के उत्पादों को पशुपालकों तक उचित दर पर विक्रय का कार्य करते हैं | केंद्र पर निगम के उत्पादों की पूर्ति के लिए केन्द्र सहायक पंचायत स्तर पर डीलर नियुक्त कर केंद्र की स्थापना करता है। केन्द्र सहायक निगम के अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
फार्मिंग प्रबंधन अधिकारी :- निगम द्वारा संचालित पशुपालन सेवा केंद्र पर जिला स्तर पर फार्मिंग प्रबंधन अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके पास उस जिले के सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | फार्मिंग प्रबंधन अधिकारी इन केंद्रों के माध्यम से निगम द्वारा पशुओं के लिए निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का विक्रय, डेयरी फार्मिंग, बकरी फार्मिंग, मुर्गी फार्मिंग योजनाओं की स्थापना एवं प्रशिक्षण आदि को संचालित करने का कार्य तहसील एवं पंचायत स्तर पर नियुक्त कर्मचारियों की सहायता से करता है | फार्मिंग प्रबंधन अधिकारी निगम के अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
फार्मिंग विकास अधिकारी :- निगम द्वारा संचालित पशुपालन सेवा केंद्र पर तहसील स्तर पर फार्मिंग विकास अधिकारी नियुक्त किये जाते है जिनके पास उस जिले के सभी पंचायतों की कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | फार्मिंग विकास अधिकारी इन केंद्रों के माध्यम से निगम द्वारा पशुओं के लिए निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का विक्रय, डेयरी फार्मिंग, बकरी फार्मिंग, मुर्गी फार्मिंग योजनाओं की स्थापना एवं प्रशिक्षण आदि को संचालित करने का कार्य पंचायत स्तर पर नियुक्त कर्मचारियों की सहायता से करता है |फार्मिंग विकास अधिकारी निगम के अधिकारी अथवा फार्मिंग प्रबंधन अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है सभी स्तर पर कर्मचारी अधिकारी निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
फार्मिंग प्रेरक :- निगम द्वारा संचालित पशुपालन सेवा केंद्र पर पंचायत स्तर पर फार्मिंग प्रेरक नियुक्त किये जाते है | फार्मिंग प्रेरक इन केंद्रों के माध्यम से निगम द्वारा पशुओं के लिए निर्मित उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों का विक्रय, डेयरी फार्मिंग, बकरी फार्मिंग, मुर्गी फार्मिंग योजनाओं की स्थापना एवं प्रशिक्षण आदि को संचालित करने का कार्य करता है | फार्मिंग प्रेरक निगम के अधिकारी अथवा फार्मिंग विकास अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है एवं निगम की योजनाओं का प्रचार-प्रसार एवं विपणन क्षेत्र का कार्य करता है |
निगम द्वारा गौशाला संवर्धन कार्यक्रम के अंतर्गत निम्न सेवा पर आवेदन लिए जाते हैं
गौ संवर्धन विस्तारक - निगम द्वारा गौशाला संवर्धन कार्यक्रम के संचालन हेतु जिला स्तर पर गौ संवर्धन विस्तारक नियुक्त किये जाते है, जिनके पास उस जिले के सभी तहसीलों एवं पंचायतों की अधिकारी कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | गौ संवर्धन विस्तारक तहसील व पंचायत स्तर पर नियुक्त कर्मचारियों के साथ मिलकर गौशालाओं व गौवंश पालित डेयरियों का “गौशाला दर्शन पोर्टल” पर सशुल्क पंजीयन कार्य करता है। पंजीकृत की गयी गौशालाओं/ डेयरियों में से निगम द्वारा चयनित गौशाला/ डेयरी में गोबर गैस संयंत्र स्थापित करवाना, गोबर गैस संयंत्र के लिये सशुल्क गोबर खरीद कर उपलब्ध करवाना ,पंजीकृत की गयी गौशालाओं/ डेयरियों में निगम के फीड सप्लीमेंट कैल्शियम का प्रचार प्रसार, विपणन व बिक्री सुनिश्चित करना, निगम द्वारा चयनित गौशालाओं में गाय के गोबर से उत्पाद बनवाना व उत्पादों की ऑनलाइन/ ऑफलाइन बिक्री गौशाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से करना व चयनित गौशालाओं के लिए गौशाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अनुदान की व्यवस्था करना आदि कार्य किये जाते हैं। गौ संवर्धन विस्तारक निगम के अधिकारी को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है।
गौ संवर्धन सहायक - निगम द्वारा गौशाला संवर्धन कार्यक्रम के संचालन हेतु तहसील स्तर पर गौ संवर्धन सहायक नियुक्त किये जाते है, जिनके पास उस तहसील के गौ सेवक व अन्य नियुक्त कर्मचारी के कार्यो की सम्पूर्ण जिम्मेदारियां होती है | गौ संवर्धन सहायक पंचायत स्तर पर नियुक्त गौ सेवक के साथ मिलकर गौशालाओं व गौवंश पालित डेयरियों का “गौशाला दर्शन पोर्टल” पर सशुल्क पंजीयन कार्य करता है। पंजीकृत की गयी गौशालाओं/ डेयरियों में से निगम द्वारा चयनित गौशाला/ डेयरी में गोबर गैस संयंत्र स्थापित करवाना, गोबर गैस संयंत्र के लिये सशुल्क गोबर खरीद कर उपलब्ध करवाना ,पंजीकृत की गयी गौशालाओं/ डेयरियों में निगम के फीड सप्लीमेंट कैल्शियम का प्रचार प्रसार, विपणन व बिक्री सुनिश्चित करना, निगम द्वारा चयनित गौशालाओं में गाय के गोबर से उत्पाद बनवाना व उत्पादों की ऑनलाइन/ ऑफलाइन बिक्री गौशाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से करना व चयनित गौशालाओं के लिए गौशाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अनुदान की व्यवस्था करना आदि कार्य किये जाते हैं। गौ संवर्धन सहायक निगम के अधिकारी/गौ संवर्धन विस्तारक को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है।
गौ सेवक - निगम द्वारा गौशाला संवर्धन कार्यक्रम के संचालन हेतु पंचायत स्तर पर गौ सेवक नियुक्त किये जाते है। गौ सेवक द्वारा गौशालाओं व गौवंश पालित डेयरियों का “गौशाला दर्शन पोर्टल” पर सशुल्क पंजीयन करना, पंजीकृत की गयी गौशालाओं/ डेयरियों में से निगम द्वारा चयनित गौशाला/ डेयरी में गोबर गैस संयंत्र स्थापित करवाना, गोबर गैस संयंत्र के लिये सशुल्क गोबर खरीद कर उपलब्ध करवाना ,पंजीकृत की गयी गौशालाओं/ डेयरियों में निगम के फीड सप्लीमेंट कैल्शियम का प्रचार प्रसार, विपणन व बिक्री सुनिश्चित करना, निगम द्वारा चयनित गौशालाओं में गाय के गोबर से उत्पाद बनवाना व उत्पादों की ऑनलाइन/ ऑफलाइन बिक्री गौशाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से करना व चयनित गौशालाओं के लिए गौशाला दर्शन पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन अनुदान की व्यवस्था करना आदि कार्य किये जाते हैं। गौ सेवक निगम के अधिकारी/गौ संवर्धन सहायक को अपनी मासिक कार्य रिपोर्ट भेजता है।
3. निगम द्वारा संचालित कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों को ग्राम स्तर पर प्रचारित करने, बेरोजगार युवाओं को प्रवेश दिलवाने हेतु व जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित कर प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन हेतु निम्न पदों पर रोजगार दिया जाता है व लक्ष्यानुसार कार्य करने पर वेतन व अन्य लाभ दिए जाते है | पशुपालन क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए निगम द्वारा कौशल विकास कार्यक्रम चलाये जाते है है जिनके पदानुसार कार्यो एवं लक्ष्यों का विवरण निम्नलिखित है |
कौशल केंद्र प्रभारी :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में जिला स्तर पर कौशल केंद्र प्रभारी नियुक्त किये जाते है | जिसका मुख्य कार्य जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र स्थापित करना होता है | केंद्र के संचालन की सम्पूर्ण जिम्मेदारियाँ वहन करना निगम में प्रशिक्षण योजनाओं पर ग्रामीण बेरोजगार युवाओ को प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करना |
कौशल विकास अधिकारी :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में तहसील स्तर पर कौशल विकास अधिकारी नियुक्त किये जाते है | जिसका कार्य प्रशिक्षण केंद्र पर कक्षा संचालन, अध्ययन, प्रशिक्षण आदि के संचालन की जिम्मेदारियाँ होती है | साथ ही निगम में प्रशिक्षण योजनाओं के द्वारा ग्रामीण बेरोजगार युवाओ को प्रशिक्षण के लिए तैयार करना |
कौशल प्रवेश सलाहाकार :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में पंचायत स्तर पर कौशल प्रवेश सलाहाकार नियुक्त किये जाते है | जिसका मुख्य कार्य जिला स्तर पर प्रशिक्षण केंद्र पर ग्रामीण बेरोजगार युवाओं को निगम की प्रशिक्षण योजनाओं की जानकारी देकर निगम में प्रवेश दिलवाना एवं छात्र की काउंसलिंग कर छात्र को रोजगार, स्वरोजगार के लिए प्रोत्साहित करना |
पशुपालक उन्नत्ति केंद्र संचालक :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में पंचायत स्तर पर पशुपालक उन्नत्ति केंद्र संचालक नियुक्त किये जाते है | जिसका कार्य प्रशिक्षण केंद्र पर कम्प्यूटर सम्बंधित कार्य, कार्यालय प्रबंधन देखना व सभी उच्च अधिकारियों के आदेशों की पालना करना |
प्रशिक्षण नियंत्रण अधिकारी :- निगम द्वारा प्रशिक्षण नियंत्रण अधिकारी पद पर नियुक्ति दी जाती है जहां जिले स्तर पर निगम के "आवासीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम" के तहत बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को मुर्गी पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग आदि के लिए प्रोत्साहित करना होता है साथ ही प्रशिक्षण स्थल की जिम्मेदारियां वहन करना होता है |
प्रशिक्षण प्रभारी :- निगम द्वारा प्रशिक्षण प्रभारी पद पर नियुक्ति दी जाती है जहां तहसील स्तर पर निगम के "आवासीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम" के तहत बेरोजगार ग्रामीण युवाओं को मुर्गी पालन, बकरी पालन, पोल्ट्री फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग आदि के लिए प्रोत्साहित करना होता है |
प्रशिक्षण समन्वयक :- निगम द्वारा प्रशिक्षण समन्वयक पद पर नियुक्ति दी जाती है जहां पंचायत स्तर पर निगम के "आवासीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम" के तहत प्रशिक्षण केंद्र पर कक्षा संचालन, अध्ययन, प्रशिक्षण आदि के संचालन की जिम्मेदारियाँ होती है |
प्रशिक्षण सहायक :- निगम द्वारा प्रशिक्षण सहायक पद पर नियुक्ति दी जाती है जहां पंचायत स्तर पर निगम के "आवासीय कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम" के तहत प्रशिक्षण केंद्र पर कम्प्यूटर सम्बंधित कार्य, कार्यालय प्रबंधन देखना व सभी उच्च अधिकारियों के आदेशों की पालना करना |
केंद्राधीक्षक :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में ब्लॉक स्तर पर केंद्राधीक्षक नियुक्त किये जाते है | जिसका मुख्य कार्य ब्लॉक स्तर पर BPNL पशुपालक कौशल प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित करना होता है | केंद्र के संचालन की सम्पूर्ण जिम्मेदारियाँ वहन करना निगम में प्रशिक्षण योजनाओं पर ग्रामीण बेरोजगार युवाओ को प्रशिक्षण के लिए प्रोत्साहित करना है |
सहायक केंद्राधीक्षक :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में तहसील स्तर पर सहायक केंद्राधीक्षक नियुक्त किये जाते है | जिसका मुख्य कार्य तहसील स्तर पर कौशल विकास कार्यक्रम को बढ़ावा देने हेतु कौशल विकास कार्यक्रम का प्रचार - प्रसार करना तथा BPNL पशुपालक कौशल प्रशिक्षण केन्द्र पर लक्ष्यानुसार प्रवेश करना है |
प्रशिक्षक :- निगम द्वारा प्रशिक्षण क्षेत्र में कौशल विकास केंद्र पर प्रशिक्षक नियुक्त किये जाते है | जिसका कार्य निगम के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भाग लेने वाले प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करना, प्रशिक्षण कार्यक्रमों हेतु किसानो/ पशुपालकों में जागरूकता फैलाना, केंद्र पर नियत संख्या में प्रशिक्षण हो, इसकी जिम्मेदारी निभाना एवं सहयोग करना है |
4. प्रशासनिक कार्य :- निगम के मुख्य कार्यालय, शाखाओं व प्रशिक्षण केंद्रों पर प्रशासनिक व प्रबंधन कार्य के लिए निगम द्वारा विभिन्न पदों जैसे - प्रबंधक, सहायक प्रबंधक, परियोजना अधिकारी, सहायक परियोजना अधिकारी, विस्तार अधिकारी, लेखाकार, सहायक लेखाकार, विभागीय क्लर्क, कार्यालय सहायक, डिजिटल मार्केटिँग एग्जिक्युटिव, मल्टी टास्किंग स्टाफ आदि योग्य उम्मीदवारो से रोजगार पश्चात् नियुक्ति की जाती है नियुक्ति पूर्व कर्मचारी द्वारा कार्य के संबंध में घोषणा पत्र निर्धारित रूपये के स्टाम्प पेपर पर निष्पादित कर नोटेरी किया जाता है | निगम के सभी कर्मचारियों द्वारा सेवा नियम Code of Professional Conduct व Work Place Harassment Prevention Policy की पालना की जाना अति आवश्यक है |